विविक्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विविक्त ^१ वि॰ [सं॰]

१. पृथक् किया हुआ । उ॰ साध्य और साधनों को विविक्त करके काव्य के नित्य स्वरूप या मर्मशरीर को अलग निकालने का प्रयास बढ़ता गया ।—रस॰ पृ॰ ५० ।

२. बिखरा हुआ ।

३. पवित्र ।

४. विजन । निर्जन ।

५. एकाकी । अकेला (को॰) ।

६. विवेकशील । विवेकयुक्त (को॰) ।

७. विवेचित । व्याख्यात (को॰) ।

८. गूढ । गहन । सूक्ष्म (विचार या निर्णय) ।

९. मुक्त । रहित (को॰) ।

१०. ज्ञात । व्य़क्त । सुस्पष्ट । उ॰— दर्शकों को ऐसा विविक्त रसानुभव होता है जो और रसों के समकक्ष है ।—रस॰, पृ॰ १८५ ।

विविक्त ^२ संज्ञा पुं॰ [स्त्री॰विविक्ता]

१. संन्यासी । त्यागी ।

२. एकांत स्थान ।

३. अकेलापन । एकाकीपन (को॰) ।

४. स्वच्छता । शुद्धता । पवित्रता (को॰) ।

विविक्त शय्यासन संज्ञा पुं॰ [सं॰] जैनों के अनुसार वह आचार जिसमें त्यागी सदा किसी एकांत स्थान में रहता और सोता है ।