विशाखा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विशाखा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] अश्विनी आदि सत्ताईस नक्षत्रों में से सोलहवाँ नक्षत्र । विशेष—यह नक्षत्र मित्रगण के अतर्गत है और इसे राधा भी कहते हैं । इसमें चार तारे हैं और इसका आकार तोरण का सा है । यह नक्षत्र दो भागों में बँटा हुआ है, इसलिये इसके दो देवता इंद्र और अग्नि है ।
२. एक प्राचीन जनपद जो कौशांबी के पास था ।
३. सफेद गदह— पूरना ।
४. काली अपराजिता ।
५. दूब । दुर्वा (को॰) ।