विशिख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विशिख ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. रामसर या भद्रमुंज नामक घास ।
२. बाण । उ॰—राक्षस तेरे तुच्छ बाण क्या? मेरे इस उर में है शेल । उसे झेलने के पहले तुँ मेरा एक विशिख ही झेल ।— साकेत, पृ॰ ४९४ ।
३. वह स्थान जिसमें रोगी रहता हो ।
४. एक शास्त्र । तोमर (को॰) ।
५. लोहे का कौवा (को॰) ।
६. गणित में बाण की आकृति का चिह्न (को॰) ।
विशिख ^२ वि॰
१. जिसे शिखा न हो ।
२. खल्वाट । गंजा ।
३. मोथरी नोकवाला शस्त्र आदि ।
४. अग्नि जिसमें लपट न हो । लपट से हीन ।
५. धूमकेतु जिसमें पूँछ न हो [को॰] ।