विशुद्ध

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विशुद्ध ^१ वि॰ [सं॰]

१. जो बिलकुल शुद्ध हो । जिसमें किसी प्रकार की मिलावट आदि न हो ।

२. सत्य । सच्चा ।

३. पवित्र । निष्पाप (को॰) ।

४. बेदाग । निष्कलंक (को॰) ।

५. विनित । नम्र (को॰) ।

६. चमकता हुआ । उज्वल । जैसे, दाँत (को॰) ।

७. खर्च किया हुआ । अपःययित । जैसे, निधि (को॰) ।

विशुद्ध ^२ संज्ञा पुं॰ तंत्र के अनुसार शरीर के अंदर के छह चक्रों में से पाँचवाँ चक्र, जो गले में माना जाता है । कहते हैं, इसमें सोलह दल होते है, और शिव तता आकाश इसमें निवास करते हैं ।