चिट्ठा
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संज्ञा
चिट्ठा
- ब्लॉग के लिए प्रचलित हिन्दी शब्द।…
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
चिट्ठा † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चिट] दे॰ 'चिट' ।
चिट्ठा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चिट]
१. हिसाब की बही । खाता । लेखा । जमाखर्च या लेनदेन की किताब । मुहा॰—चिट्ठा बाँधना=लेखा तैयार करना ।
२. वह कागज जिसपर वर्ष भर का हिसाब जाँचकर नफा नुकसान दिखाया जाता है । फर्द ।
३. किसी रकम की सिलसिलेवार फिहरिस्त । सूची । टिक्की । जैसे, चंदे का चिट्ठा । उ॰— चिट्ठा सकल नरेसन केरे । आवहिं चले दुशासन नेरे ।— सबल (शब्द॰) ।
४. वह रुपया जो प्रतिदिन, प्रति सप्ताह या प्रति मास मजदूरी या तनखाह के रूप में बाँटा जाय । उ॰—दिय चिट्ठा चाकरी चुकाई । बसे सबै सेवा मन लाई ।—कबीर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—चुकाना ।—बाँटना ।—बाँटना ।
५. खर्च की फिहरिस्त । उन वस्तुओं की मूल्य सहित सूची जो किसी कार्य के लिये आवश्यक हों । लगनेवाला खर्च का व्योरा । जैरे,—इस मकान में तुम्हारा अधिक नहीं लगेगा, बस २०० का चिट्ठा है ।
६. ब्योरा । विवरण । मुहा॰—कच्चा चिट्ठा=पूरा और ठीक ठीक वृतांत । ऐसा सविस्तर वृतांत जिसमें कोई बात छिपाई न गई हो । कच्चा चिट्ठा खोलना=गुप्त बातों को पूरे ब्यौरे के साथ प्रकट करना । गुप्त वृत्तांत कहना । रहस्य उदघाटित करना ।
७. सीधा जो बाँटा जाय । रसद । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पाना ।—बँटना ।—बाँटना ।—मिलना ।—खोलना ।