"व्याख्या": अवतरणों में अंतर

विक्षनरी से
छो Reverted good faith edits by 2409:4063:6C14:635A:0:0:1CA:B80F (talk): Vandalism (TwinkleGlobal)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
चार चांद की चंचल किरणें खेल रही है जलसन में स्वच्छ चांदनी बसी हुई है अवनी और अंबर तल में
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति १: पंक्ति १:
चार चांद को चंचल खेड़ा खेल रहे हैं जल थल में



= {{हिन्दी}} =
= {{हिन्दी}} =

०८:०१, ९ दिसम्बर २०२३ का अवतरण

चार चांद को चंचल खेड़ा खेल रहे हैं जल थल में

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

व्याख्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. वह वाक्य आदि जो किसी जटिल पद या वाक्य आदि का अर्थ स्पष्ट करता हो । किसी बात को समझाने के लिये किया हुआ उसका विस्तृत और स्पष्ट अर्थ । टीका । व्याख्यान । विशेष—शास्त्रों या सूत्रों आदि की जो व्याख्या होती है, उसके वृत्ति, भाष्य, वार्तिक, टीका, टिप्पणी आदि अनेक भेद माने गए हैं ।

२. वह ग्रंथ जिसमें इस प्रकार अर्थविस्तार किया गाया हो ।

३. कहना । वर्णन ।