व्याख्या
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]व्याख्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. वह वाक्य आदि जो किसी जटिल पद या वाक्य आदि का अर्थ स्पष्ट करता हो । किसी बात को समझाने के लिये किया हुआ उसका विस्तृत और स्पष्ट अर्थ । टीका । व्याख्यान । विशेष—शास्त्रों या सूत्रों आदि की जो व्याख्या होती है, उसके वृत्ति, भाष्य, वार्तिक, टीका, टिप्पणी आदि अनेक भेद माने गए हैं ।
२. वह ग्रंथ जिसमें इस प्रकार अर्थविस्तार किया गाया हो ।
३. कहना । वर्णन ।