विश्वरूप
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विश्वरूप ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. विष्णु ।
२. शिव ।
३. पूराणानुसार त्वष्टा के एक पुत्र का नाम ।
४. भगवान् श्रीकृष्ण का वह स्वरुप जो उन्होंने गीता का उपदेश करते समय अर्जुन को दिखलाया ता । विशेष—श्रीकृष्ण ने उस अवसर पर अर्जुन को यह दिखलाया या समझाया था कि इस समस्त विश्व या ब्रह्मांड में सूर्य, चंद्रमा, तारे, ग्रह आदि जो कुछ हैं, वे सब मेरे ही स्वरुप हैं ।
५. पूराणनुसार एक तीर्थ का नाम ।
६. काला अगर (को॰) ।
६. एक प्रकार का पुच्छल तारा ।
८. देवता । उ॰—भूपन को रुप धरि विश्वरुप आए हैं ।—केशव (शब्द॰) ।