विषण्ण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विषण्ण वि॰ [सं॰]

१. जिसका चित दुःखी हो । जिसे विषाद, शोक या रंज हो ।

२. दुःखपूर्ण । वेदनायुक्त । खिन्न । उ॰— विफलता में भी एक निराला ही विषण्ण सौंदर्य होता है ।— रस॰, पृ॰ ६० । यौ॰—विषण्णचेता = खिन्न । उदास । विषण्ण मना = उदास । विष्णमुख, विषण्णवदन = जिसके मुख पर उदासी छाई हो । विषण्णरूप = उदासी की दशा या अवस्था ।