विषाण
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विषाण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कुट या कूट नामक ओषधि ।
२. हाथी दाँत ।
३. पशु का सींग ।
४. मेढ़ासिंगी ।
५. वाराहीकंद । गेंठी ।
६. ऋषभक नामक ओषधि ।
७. सूअर का दाँत ।
८. इमली ।
९. फूँककर बजाया जानेवाला एक प्रकार का सींग का बाजा । श्रृंगी । उ॰—क्वणित मंजुविषाण हुए कई । रणित श्रृंग हुए बहु साथ ही ।—प्रिय॰, पृ॰ २ ।
१०. चोटी । सिरा (को॰) ।
११. कुवाग्र । चुचुक (को॰) ।
१२. अपने वर्ग का प्रधान ।
१३. तलवार या चाकू (को॰) ।
१४. केकड़े का पंजा (को॰) ।
१५. सींग जैसी शिव के सिर पर बँधी हुई जटा (को॰) ।