विहृत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]विहृत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. साहित्य में स्त्रियों के दस प्रकार के स्वाभाविक अलंकारों में से एक प्रकार का अलंकार ।
२. क्रीड़ा खेल (को॰) ।
३. टहलना । घूमना । सैर (को॰) ।
४. हिचकि- चाहटण । झिझक (को॰) ।
विहृत ^२ वि॰
१. खिला हुआ । क्रिड़ित ।
२. फैलाया हुआ ।
३. हटाया हुआ । दूर किया हुआ ।
४. वितरित । विभक्त [को॰] ।