वृषभ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वृषभ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बैल या साँड़ ।
२. साहित्य में वैदर्भी रीति का एक भेद ।
३. कान का छेद ।
४. ऋषभ नाम की ओषधि । कामशास्त्र के अनुसार चार प्रकार के पुरुषों में श्रेष्ठ पुरुष जो शंखिनी जाति की स्त्री के लिये उपयुक्त कहा गया है ।
६. सूर्य की वीथियों में से एक वीथी का नाम । उ॰—चौथा वीथी का नाम वृषभ है ।—बृहत्॰, पृ॰ —॰ ५४ ।
७. एक प्राचीन तीर्थ का नाम ।
८. श्रीकृष्ण के एक सखा का नाम ।
९. एक यूथपति बंदर का नाम जो राम रावण युद्ध में लड़ा था ।
१०. नर जातीय या पुंवर्गीय पशु (को॰) ।
११. वह जो अपने वर्ग में प्रधान हो (को॰) ।
१२. वृष राशि का चिह्न (को॰) ।
१३. हाथी का कान (को॰) ।
१४. कान का छिद्र । कर्णरंध्र (को॰) ।
१५. न्याय । धर्म (को॰) ।