वृषारव संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वे जंतु जिससी बोली बहुत कर्कश हो । जैसे,—झिल्लो, मेढक आदि । २. एक प्रकार का मुँगरा या ताशा, नगाड़ा आदि बजाने की लकड़ी । चोब (को॰) ।