वृहत्त्रयी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वृहत्त्रयी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] संस्कृत के किरातार्जुनीय (भारवि), शिशुपालवध (माघ) औऱ नैषध (श्रीहर्ष) महाकाव्य । उ॰— महाकाव्यों की वृहत्त्रयी (किरात, माघ, नैषध) में इसका प्रमुख स्थान है ।—बी॰ श॰ महा, पृ॰ २३ ।