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वेष्ट

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वेष्ट संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वृक्ष का किसी प्रकार का निर्यास ।

२. गोंद ।

३. धूप का पेड़ । धूपसरल ।

४. श्रीवेष्ट । गंधाबिरोजा ।

५. सुश्रुत के अनुसार मुँह में होनेवाला एक प्रकार का रोग ।

६. शिरोवेष्टन । दे॰ 'वेष्यन' ।

७. बाड़ा । बाड़ (को॰) ।

८. बंधन । फँसरी (को॰) ।

९. दाँत का खोड़र या गड्ढा (को॰) ।

१०. आकाश (को॰) ।