सामग्री पर जाएँ

वैश्वानर

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

वैश्वानर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. आग्नि ।

२. चित्रक या चीता नाम का वृत्त ।

३. पित्त । पित्ता ।

४. परमात्मा ।

५. चेतन ।

६. जठ— राग्नि (को॰) ।

वैश्वानर ^२ वि॰

१. सभी लोगों के लिये उपयुत्क ।

२. सार्वभौम । सार्वजनीन । सार्वलौकिक ।

३. राशिचक्र का । राशिचक्रीय [को॰] ।