व्रिद † संज्ञा पुं॰ [सं॰ विरद] विरद । सुजस । उ॰—मंछ कवि कहैं पुन सरन सधार व्रिद याही ते सरन लयो रावरे चरन को ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ २८५ ।