शंकरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]शंकरा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शङ्कर]
१. एक प्रकार का राग जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं । यह दीपक राग का पुत्र माना जाता है । विशेष दे॰ 'शंकर'-
७. और 'शंकराभरण' ।
२. शमी । सफेद कीकर ।
३. मजीठ ।
४. शिवा । भवानी । पार्वती ।
शंकरा ^२ वि॰ स्त्री॰ [सं॰ शङ्करा] कल्याण करनेवाली । मंगल करनेवाली ।