शकल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शकल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. त्वचा । चमड़ा ।

२. छाल । छिलका । दालचीनी ।

४. आँवला ।

५. कमल को नाल । कमलदंड ।

६. खाँड़ । शक्कर ।

७. खंड । टुकड़ा ।

८. मनु के अनुसार एक प्राचीन देश का नाम ।

९. घड़े या पात्र का एक अंश (को॰) ।

१०. स्फुर्लिंग । चिनगारी (को॰) ।

११. मछली की चोइयाँ । मछली के शरीर के ऊपर का छिलका (को॰) ।

१३. अर्धाश । आधा भाग । जैसे, चंद्रशकल (को॰) ।

शकल ^२ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ शक्ल]

१. मुख की बनावट । आकृति । चेहरा । रुप । जैसे,—शकलन सूरत, गधे की मूरत । मुहा॰—शकल बिगड़ना = मारते मारते चेहरे का रुप बिगाड़ना । बहुत मारना । यौ॰—सूरत शकल = डेहरे की बनावट । आकृति ।

२. मुख का भाव । चेष्टा ।

३. किसी चीज की बनावट । गढ़न । ढाँचा । मुहा॰—शकल बनाना = कोई चीज बनाकर उसका स्वरुप तैयार करना । रुपरेखा या ढाँचा तैयार करना ।

४. किसी चीज का बनाया हुआ आकार । आकृति । स्वरूप ।

५. उपाय । तरकीब । ढब । जैसे—अब इस मुकदमें से पीछा छुड़ाने की कोई शक्ल निकालती चाहिए । क्रि॰ प्र॰—निकलना । निकालना ।

६. मूर्ति ।