शकार
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
शकार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. शकवंशीय व्यक्ति । वह जो शक वंश का हो ।
२. संस्कृत नाटकों की परिभाषा में राजा का वह साला जो नीच जाति का हो । विशेष—नाटक में इस पात्र को बेवकूफ, चंचल, घमंडी, नीच तथा कठोर हृदयवाला दिखलाया जाता है । जैसे,— मृच्छकटिक में संख्यानक ।