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शक्र

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शक्र ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दैत्यों का नाश करनेवालले, इंद्र । उ॰—भरत शोक बरन्यो नहिं जाई । मनहु शक्र द्विज हत्या पाई ।—लवकुश- चरित्र (शब्द॰) ।

२. कुटज वृक्ष । कोरैया ।

३. अर्जुन वृक्ष । कोह वृक्ष ।

४. इंद्रजौ । कुटज बीज ।

५. रगण के चौथे भेद अर्थात् (/?/) की संज्ञा जिसमें छह मात्राएँ होती हैं । जैसे— लोकवती ।

६. ज्येष्ठा नक्षत्र, जिसके अधिष्ठता देवता इंद्र हैं ।

७. उलुक पक्षी (को॰) ।

८. चौदह की संख्या (को॰) ।

९. शिव का एक नाम (को॰) ।

१०. स्वामी । राजा (को॰) ।

शक्र ^२ वि॰ समर्थ । योग्य ।