शठ
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]शठ ^१ वि॰ [सं॰]
१. धुर्त । चालाक । धोखेबाज ।
२. पाजी । लुच्चा । बदमाश ।
शठ ^२ संज्ञा पुं॰
१. तगर का फूल ।
२. केसर । कुंकुम । जाफरान ।
३. लोहा ।
४. इस्पात । फौलद ।
५. धतुरे का वृक्ष ।
६. चीता चित्रक । चितउर ।
७. तालवृक्ष ।
८. अमला का वृक्ष ।
९. साहित्य में पाँच प्रकार के पतियों या नायकों में से एक प्रकार का पति या नायक । वह नायक जो छलपूर्वक अपना अपराध छिपाने में चतुर और किसी दुसरी स्त्री के साथ प्रेम करते हुए भी अपनी स्त्री से प्रेम प्रदर्शित करने का बहाना करता हो । उ॰—सहित काज मधुरै मधुर, बैननि कहै बनाय । उर अंतर घट कपटमय, सो शठ नायक आय ।—(शब्द॰) ।
१०. छलिया वा धुर्त जन (को॰) ।
११. बेबकूफ । जड़बुद्धिं ।
१२. आलसी ।
१३. वह जो दो आदमियों के बीच में पड़कर उनके झगड़े का निपटारा करता हो । मध्यस्थ । यौ॰—शठघी, शठबुद्धि, शठमति = जिसकी बुद्धि शठतापूर्ण हो । शठ या दुष्ट व्यक्ति । धुर्त आदमी ।