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शतरञ्ज

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शतरंज संज्ञा पुं॰ [फा॰; मि॰ सं॰ चतरङ्ग] एक प्रकार का प्रसिद्ध खेल जो चौंसठ खानों की विसात पर खेला जाता है । विशेष—यह खेल दो आदमी खेलते हैं जिनमें से प्रत्येक के पास १६-१६ मुहरे होते हैं । इन सालह मुहरों में एक बादशाह, एक वजीर, दो ऊँट, दो घोड़े, दो हाथी या किश्तया तथा आठ प्यादे होते हैं । इनमें से प्रत्येक मुहरे का कुछ विशिष्ट चाल हाती हैं, अर्थात् उसके चलनक कुछ विशिष्ट नियम होते है । उन्हीं नियमा के अनुसार विपक्षा के मुहरे मर जाते हैं । जब बादशाह किसी ऐसे घर मे पहुँच जाता है जहाँ से उसके चलने का जगह नहीँ रहता, तब बाजी मात समझा जाती है । इसका बिसात म आठ आठ खाना का आठ पक्तिया होती है । विशेष दे॰ 'चतुरंग' शब्द ।