शब्दालंकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शब्दालंकार संज्ञा पुं॰ [सं॰ शब्दाल्ङ्कार] साहित्य में वह अलंकार जिसमें केवल शब्दों या वर्णों के विन्यास से भाषा में लालित्य उत्पन्न किया जाय । जैसे,—अनुप्रास, यमक आदि ।