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शमि

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शमि ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. शिंबी धान्य । विशेष—इस धान्य में मूँग, मसूर, मोठ, उड़द, चना, अरहर, मटर, कुलथा, लोबिया इत्यादि वे अन्न आते हैं, जिनमें छीमियाँ लगती हैं ।

२. सफेद कीकर । विशेष दे॰ 'शमी' ।

शमि ^२ संज्ञा पुं॰

१. भागवत के अनुसार उशीनर के पुत्र का नाम ।

२. यज्ञ ।