शय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शय ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शय्या ।

२. सर्प । साँप ।

३. निद्रा । नींद । उ॰—दृगों में ज्योति है, शय है, हृदय में स्पंद है, भय है ।— अर्चना, पृ॰ १०७ ।

४. पण ।

५. हाथ ।

६. लंबाई की एक माप (को॰) ।

७. बद्दुआ । शाप (को॰) ।

८. भर्त्सना (को॰) ।

शय ^२ वि॰ लेटनेवाला । सोनेवाला (विशेषतः समास में, जैसे दिवा- शय, उत्तानशय) ।

शय ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰, फ़ाशै]

१. वस्तु । पदार्थ । चीज ।

२. भूत । प्रेत । आसेब । जैसे,—इस मकान में कोई शय है ।

शय ^४ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ शह]दे॰ 'शह' ।