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शरम

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शरम संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ शर्म]

१. लज्जा । हया । गैरत । क्रि॰ प्र॰—आना ।—करना ।—रखना ।—होना । मुहा॰—शरम से गड़ना = मारे लज्जा के दबे या झुके जाना । बहुत लज्जित होना । शरम से पानी पानी होना = बहुत लज्जित होना ।

२. लिहाज । संकोच ।

३. प्रतिष्ठा । हज्जत । मुहा॰—शरम रखना = इज्जत रखना । लाज रखना । शरम रहना = प्रतिष्ठा रनहा । आबरू रहना ।