शरह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शरह संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. वह कथन या वर्णन जो किसी बात को स्पष्ट करने के लिये किया जाय ।

२. टिका । भाष्य । व्याख्या । यौ॰—शरहनवीस, शरहनिगार = व्याख्याकार । टीकाकार ।

३. दर । भाव ।

४. दे॰ 'शरह लगान' । यौ॰—शरहनामा = दर या भाव की सूची । निर्खनामा । शरहबदी = दर या भाव निश्चित करना । मूल्य पर कंट्रोल करना । शरह मुअय्यन । शरह लगान ।

शरह लगान संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ शरह + हिं॰ लगान] भूकर की दर । जमीन की पड़ती । बिघौती ।