शह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शह ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ शाह का संक्षिप्त रूप]

१. बहुत बड़ा राजा । बादशाह ।

२. बर । दूल्हा । यौ॰—शहबाला ।

शह ^२ वि॰ बढ़ा चढ़ा । श्रेष्ठतर । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग केवल यौगिक शब्द बनाने के समय उसके आरंभ में होता है । जैसे,—शहजोर, शहबाज, शहसवार ।

शह ^३ संज्ञा स्त्री॰

१. शतरंज के खेल में कोई मुहरा किसी ऐसे स्थान पर रखना चहाँ से विपक्षी बादशाह उसकी मार में हो । किश्त । उ॰—राजा पील देइ शह माँगा । शह दै चाहि मरे रथ खागा ।—जायसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—देना ।—बचाना ।—लगाना ।

२. गुप्त रूप से किसी के भड़काने या उभारने की क्रिया या भाव । बढ़ावा । हुशकारी । जैसे,—ये तुम्हारी शह पाकर ही तो इतना उछलते हैं । क्रि॰ प्र॰—देना= बढ़ावा देना । उभारना । उ॰—मिर्जा साहब ने मुहम्मद अस्करी को अब मैदान खाली पाकर और भी शह दी और चंग पर चढाया ।—सैर॰, भा॰ १, पृ॰ २३ ।— पाना ।—मिलना ।

३. गुड्डी, पतंग या कलकौवे आदि को धीरे धीरे, डोर ढीली करते हुए, आगे बढ़ाने की क्रिया या भाव । क्रि॰ प्र॰—देना ।