शाख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]शाख ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कृत्तिका का पुत्र । कार्तिकेय ।
२. भाग ।
३. करंज ।
शाख ^२ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ शख]
१. टहनी । डाल । डाली । मुहा॰—शाख लगाना = (१) कलम लगाना । टहनी लगाना । (२) सिंगी लगाना । (३) पद बढ़ाना । संमान करना । शाख लगना = घमंड होना । इतराना । शाख निकालना = दोष देना । कलंक लगाना । नुक्ताचीनी करना । झगड़ा खड़ा करना । शाख निकालना = ऐब निकालना । झगड़ा निकालना । बखेड़ा निकालना ।
२. सींग ।
३. लगा हुआ टुकड़ा । खंड । फाँक ।
४. कमान की लकड़ी (को॰) ।
५. एक पकवान (को॰) ।
६. वंश । कुल- परंपरा ।
७. नदी आदि की बड़ी धारा में से निकली हुई छोटी धारा ।