शिलारस

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शिलारस संज्ञा पुं॰ [सं॰] लोहबान की तरह का एक प्रकार का सुगंधित गोंद । विशेष—कुछ लोग इसे खनिज भी मानते हैं, पर वास्तव में यह एक वृक्ष का गोंद अथवा जमा हुआ दूध है । इसका वृक्ष पूरबी बंगाल, आसाम, भूठान, पेगू, चीन, मलाया, मेरगुई, जावा और यूनान में पाया जाता है । इसका वृक्ष ६० से १०० फुट तक ऊँचा होता है । इसके पत्ते ४ १/२ इंच तक लंबे, जड़ की ओर गो लाकार, अनीदार और किंचित् बारीक कँगूरेदार होते हैं । शाखाओं के अंत में घुंडीदार फूल होते हैं । फल गोलाकार होते है जिनमें बीजों की अधिकता होती है । वैद्यक के अनुसार यह कड़वा, चरपरा, स्वदिष्ट, स्निग्ध, गरम, सुगंधित, वर्ण को सुंदर करनेवाला और त्रिदोष आदि को शांत करनेवाला होता है ।