शुकनलिका

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शुकनलिका न्याय संज्ञा पुं॰ [सं॰] तोता जिस प्रकार फँसाने की नली (नलनी) में लोभ के कारण फँस जाता है, वैसे ही फँसने की रीति । विशेष—सूर, तुलसी आदि हिंदी के कवियों ने भी 'नलनी के सुअटा' पद का व्यवहार किया है ।