शृंगी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

श्रृंगी ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्रृङ्गिन्]

१. हाथी । हस्ती ।

२. वृक्ष । पेड़ ।

३. पर्वत । पहा़ड़ ।

४. एक ऋषि जो शमीक के पुत्र थे । इन्हीं के शाप से अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को तक्षक ने डसा था । उ॰—(क) श्रृंगी ऋषि तब कियो विचार । प्रजा दुःख कर नृपत गुहार ।—सूर (शब्द॰) । (ख) जहँ श्रृंगी ऋषिवर तप करहीं । चर्म नयन सो देखि न परहीं ।—राधा- कृष्ण (शब्द॰) ।

५. बरगद ।

६. पाकड़ ।

७. अमड़ा ।

८. ऋषभक, नामक अष्टवर्गीय ओषधि ।

९. सींगवाला पशु । जैसे,—गौ, बैल, बकरी आदि ।

१०. जीवक नामक ओषधि ।

११. सिंगिया नामक विष ।

१२. सींग का बना हुआ एक प्रकार का बाजा, जिसे कनफटे बजाते हैं । उ॰—श्रृंगी शब्द धंधरी करा । जरै सो ठाठ जहाँ पग धरा ।—जायसी (शब्द॰) ।

१३. महादेव । शिव । उ॰—श्रृंगी शूली धूरजटि, कुंडलीश त्रिपुरारि । बृषा कपर्दी मानहर, मृत्युंजय कामारि ।—सबल (शब्द॰) ।

१४. एक प्राचीन देश का नाम । उ॰—श्रृंगी सिंधु कच्छ के राई । आए सकल समेत सहाई ।—सबल (शब्द॰) ।

१५. मेष । भेड़ा (को॰) ।

१६. वृष । बैल (को॰) ।

१७. शिव का एक गण (को॰) ।

श्रृंगी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ श्रृङ्गी]

१. अतीस ।

२. काकड़ासिंगी ।

३. सिंगी मछली ।

४. मजीठ । मंजिष्ठा ।

५. आँवला ।

६. पोई का साग ।

७. ऋषभक नामक ओषधि ।

८. पाकर ।

९. वट । बड़ ।

१०. विष । जहर ।

११. वह सोना जिससे गहने बनाए जाते हैं ।