शै

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शै संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. चीज । वस्तु । पदार्थ द्रव्य । उ॰—(क) सब करामत उस कँकर ते है मुझे । जे मँगूँ सो होवे हाजिर शै मुझे ।—दक्खिनी॰, पृ १८४ । (ज) लगा के बर्फ में साकी सुराहिए मै ला । जिगर की आग बुझे जल्द जिससे वह शैला ।—कविता कौ॰ भा॰ ४, पृ॰ २६६ ।

२. बात (को॰) ।

३. अभिवृद्धि । बढ़ती (को॰) ।