शोरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शोरा संज्ञा पुं॰ [फा़॰ शोरह्] एक प्रकार का क्षार जो मिट्टी से निकलता है । विशेष—यह बहुत ठंढा होता है और इसीलिये पानी ठंडढा करने के काम में आता है । बारूद में भी इसका योग रहता है और सुनार इससे गहने भी साफ करते हैं । खारी मिट्टी में क्यारियाँ बनाकर इसे जमाते हैं । साफ किए हुए बढ़िया शारे की कलमो शोरा कहते हैं । मुहा॰—शोरे की पुतली = बहुत गोरी स्त्री ।

शोरा आलू संज्ञा पुं॰ [हिं॰ शोरा + आलू] बन आलू ।