श्रव्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

श्रव्य वि॰ [सं॰] जो सुना जा सके । सुनने योग्य । जैसे,—संगीत । यौ॰—श्रव्य काव्य = वह काव्य जो केवल सुना जा सके । वह काव्य जो अभिनय आदि के रूप में देखा जा न सके । इसके तीन भेद हैं—(१) गद्य, (२) पद्य और (३) गद्य-पद्य-मय । विशेष दे॰ 'काव्य' ।