श्रीमुख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

श्रीमुख संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शोभित या सुंदर मुख । उ॰—आगम कल्प रमण तुव ह्वै है श्रीमुख कही बखान ।—सूर (शब्द॰) ।

२. बृहस्पति के साठ संवत्सरों में से सातवाँ संवत्सर ।

३. विष्णु का मुख, वेद ।

४. सूर्य । उ॰—व्योम में मुनि देखिए अति लाल श्रीमुख साजहीं ।—केशव (शब्द॰) ।

५. वह पत्र लेख आदि जिसके प्रारंभ में स्वातिवाचक शब्द श्री लिखा हुआ हो ।