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श्रीर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

श्रीर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ शरीर] दे॰ 'शरीर' । उ॰—कितनेक दिवस तिन तज्यौ श्रीर । भंडार पाहि नह सुनौ बोर ।—पृ॰ रा॰, २४ ।२१ ।