श्रीहर्ष
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
श्रीहर्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. नैषध काव्य के रचयिता संस्कृत के प्रसिद्ध पंडित और कवि जो कान्यकूव्ज के गहखार राजा को आश्रित थे ।
२. रत्नावली, गागानंद और प्रियदर्शिका नाटकों के रचयिता जो संभवतः कान्यकुब्ज के प्रसिद्ध सम्राट् हर्षवर्द्धन थे ।