श्रोतव्य वि॰ [सं॰] १. सुनने के योग्य । उ॰—श्रोत्र सु अध्यातम प्रगट श्रोतव्यं अधिभूत । दिशा तत्र है देवता यह त्रिपुटी इहिं सूत ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ६४ ।