श्वान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]श्वान संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ श्वानी]
१. कुत्ता । कुक्कुर । उ॰— गोकुल चले प्रमें आतुर ह्वै खुलि गए कपट कपाट । सोए श्वान, पहरुआ सोए, सबै मुक्त भई बाट ।—सूर (शब्द॰) ।
२. दोहे का इक्कीसवाँ भेद । इसमें दो गुरु और ४४ लघु होते हैं ।
३. छप्पय का पंद्रहवाँ भेद । इसमें ५६ गुरु, ४० लघु कुल ९६ वर्ण, १५२ मात्राएँ होती हैं ।