षड्विन्दुतैल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

षड्विंदुतैल संज्ञा पुं॰ [सं॰ षडि्वन्दुतैल] वेद्यक का एक तैल जिसकी छह् बूँद नास लेने से सिर का दर्द दूर होता है और आँख तथा दाँत को लाभ पहुँचता है । विशेष—रेंड की जड़, तगर, सौंफ, सेंधा नमक, पुत्रजीवा, रास्ना, जलभँगरा, बायविडंग, मुलेठी, सोंठ, इन सबका चौगुना जल, भँगरे का रस और आठ गुना तेल इन सबको कड़ाही में मंद- मंद पकावे । जब रसादिक जलकर तेल मात्र रह जाय, तो छान ले ।