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षाड़व

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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षाड़व संज्ञा पुं॰ [सं॰ षाडव]

१. राग का एक जाति जिसने केवल छह् स्वर (स, रे, ग, म, प और ध) लगते है और निषाद वजित है । जैसे,—दीपक और मेघ । षाड़व दो प्रकार का होता है— (१) शुद्ध षाड़व और (२) ब्राह्म षाड़व ।

२. मिठाई ।

३. हलवाई का काम ।

४. मनोराग । मनोविकार ।

५. गाना । संगीत (को॰) ।