सँकोचना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सँकोचना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ सङ्कोच] संकुचित करना । संकोच करना । उ॰—नींद तन परति राति प्रेम पनु एक भाँति सोचत सँकोचत बिरंचि हरि हर कै ।—तुलसी (शब्द॰) ।

सँकोचना ^२ क्रि॰ अ॰ संकुचित होना ।