सँचरना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ सञ्चरण] घूमना । फिरना । चलना । उ॰—ठाँवहिं ठाँव बीन्ह सब बाँटी । रहा न बीच जो सँचरै चाँटी ।—जायसी (शब्द॰) ।