सँजोऊ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सँजोऊ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सँजोना]

१. तैयारी । उपक्रम । उ॰— अबहीं बेगिहि करौ सँजोऊ । तस मारहु हत्या नहिं होऊ ।—जायसी (शब्द॰) ।

२. साज सामान । सामग्री । उ॰— बेगहु भाइहु सजहुँ सँजोऊ । सुनि रजाइ कदराइ न कोऊ ।—मानस, २ ।१९१ ।

३. संयोग । उ॰—ओहि आगे थिर रहा न कोऊ । दहुँ का कहँ अस जुरै सँजोऊ ।—जायसी (शब्द॰) ।