सँभालना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सँभालना क्रि॰ स॰ [सं॰ सम्भार]

१. भार को उपर ठहराना । बोझ ऊपर रखे रहना । भार ऊपर ले सकना । जैसे,—इतना भारी बोझ कैसे सँभालोगे ।

२. रोक या पकड़ में रखना । इस प्रकार थामे रहना कि छूटने या भागने न पावे । रोके रहना । काबू में रखना । जैसे,—सँभालो, नहीं तो छूटकर भाग जायगा ।

३. किसी वस्तु को अपनी जगह से हटने, गिरने पड़ने, खिसकने आदि से रोकना । यथास्थान रखना । च्चुत न होने देना । थामना । जैसे—टोपी सँभालना, धोती सँभालना ।

४. गिरने पड़ने से रोकने के लिये सहारा देना । गिरने से बचाना । जैस,—मैने सँभाल लिया, नहीं तो वह गिर पड़ता ।

५. रक्षा करना । हिफाजत करना । नष्ट होने या खो जाने से बचाना । जैसे,—इस पुस्तक को बहुत सँभालकर रखना ।

६. बुरी दशा को प्राप्त होने से बचाना । बिगड़ी दशा में सहायता करना । खराबी से बचाना । उद्धार करना । जैसे,—उसने बड़े बुरे दिनों में सँभाला है ।

७. पालन पोषण करना । परवरिश करना ।

८. देखरेख करना । निगरानी करना ।

९. प्रबंध करना । इंतजाम करना । व्यवस्था करना । जैसे,—घर सँभालना ।

१०. निर्वाह करना किसी कार्य का भार अपने ऊपर लेना । चलाना । जैसे,—उसका खर्च हम नहीं सँभाल सकते ।

११. दशा बिगड़ने से बचाना । रोग, व्याधि, आपत्ति इत्यादि की रोक करना । जैसे,—बीमारी बढ़ जाने पर सँभालना कठिन हो जाता है ।

१२. कोई वस्तु ठीक ठीक है, इसका इतमीनान कर लेना । सहेजना । जैसे— देखो १००) हैं, इन्हें सँभालो ।

१३. स्मरण करना । याद करना । दे॰ 'सँभारना' ।

१४. किसी मनोवेग को रोकना । जोश थमना । जैसे,—उसकी कड़ी बातें सुनकर मै अपने को सँभाचल न सका । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना ।