सँवारना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सँवारना क्रि॰ स॰ [सं॰ सम्वर्णन या संवरण]
१. सजाना । अलंकृत करना । उ॰—कंठ कठुला नीलमनि अंभोज माल सँवारि ।—सूर॰, १० ।१६९ ।
२. दुरुस्त करना । ठीक करना । उ॰—सो देही नित दिखि के चोंच सँवारे काग ।—कविता कौ॰, भा॰, १, पृ॰ १९७ ।
३. क्रम से रखना । ठीक ठीक लगाना ।
४. कार्य सुचारु रूप से संपन्न करना । काम ठीक करना । मुहा॰—बिगड़ी सँवारना = बिगड़ी बात बनाना ।