संक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

संक पु † संज्ञा स्त्री॰ [ सं॰ शङ्का ] दे॰ 'शंका' । उ॰—(क) जलधि पार मानस अगम रावण पालित लंक । सोच विकल कपि भालु सबु दुहु दिस संकट संक ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) श्रीफल कनक कदलि हरषाहीं । नेकु न संक सकुच मन माहीं । मानस, ३ ।२४ ।