सामग्री पर जाएँ

संकुट

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

संकुट संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्कट] दे॰ 'संकट' । उ॰—(क) संकुट संसा नरक न नैनहु, ताकौं कबहुँ काल न खाइ । कंपन कोई भै भ्रम भागै, सब विधि ऐसी एक लगाई ।—दाद्॰, पृ॰६६२ ।